गांधी विचारों को जन-जन तक पहुंचाने गांधी पदयात्रा संपन्न — व्यक्तित्व विकास पर कार्यशाला आयोजित
सरायपाली। युवा समाजसेवी, विद्वान और कुशल वक्ता पंडित विद्याभूषण सतपथी, सुपुत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित जयदेव सतपथी ने 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु गांधी पदयात्रा का आयोजन किया। आठ दिनों तक चली इस पदयात्रा का समापन महाविद्यालय परिसर में हुआ, जहां व्यक्तित्व विकास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में स्रोत वक्ता के रूप में पंडित विद्याभूषण सतपथी मंचासीन रहे। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. संध्या भोई ने कहा कि “सत्य ही ईश्वर है” — यह वाक्य उस महापुरुष का है जिसने समस्त विश्व को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि गांधी जी के आदर्शों को आत्मसात कर व्यक्ति को अपने चरित्र और व्यक्तित्व निर्माण पर ध्यान देना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि स्वर्ण सिंह सलूजा ने गांधी जी के तीन प्रमुख स्तंभ — सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता पंडित सतपथी ने अपने प्रेरणादायी व्याख्यान में आग्रह, पूर्वाग्रह, दुराग्रह और सत्याग्रह जैसे तत्वों की विस्तृत व्याख्या करते हुए बताया कि व्यक्तित्व विकास एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने गुणों और व्यवहार को निखारते हुए जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
उन्होंने कहा कि हर परिस्थिति में समायोजन और सहयोग का भाव रखना ही सशक्त व्यक्तित्व का प्रतीक है। पंडित सतपथी के सटीक और प्रेरणाप्रद व्याख्यान से छात्र-छात्राएं और स्वयंसेवक उत्साहित हुए।
इस अवसर पर चंद्र कुमार पटेल, स्वर्ण सिंह सलूजा, शौकीलाल मनहर, रासबिहारी विशाल, प्रखर अग्रवाल, आदर्श गुप्ता, दिनेश अग्रवाल सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
