काली पट्टी लगाकर काम पर पहुंचे कृषि अधिकारी, वेतनमान और भत्तों को लेकर शुरू की हड़ताल
महासमुंद। एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों और महिला एवं बाल विकास विभाग के बाद अब कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी हड़ताल पर उतर आए हैं। छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध सांकेतिक विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
काली पट्टी लगाकर किया कार्य
संघ के प्रांतीय पदाधिकारियों और सदस्यों ने सर्वसम्मति से हड़ताल का निर्णय लिया है। सोमवार को विभागीय कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर कार्य किया। 9 सितंबर को भी कर्मचारी इसी तरह काली पट्टी लगाकर विरोध दर्ज करेंगे।
15 सितंबर तक चेतावनी
संघ ने कहा कि अगर 15 सितंबर तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो जिले के सभी विकासखंड और जिला स्तर पर कर्मचारी तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के नाम आवेदन सौंपेंगे। इस दिन बिना संसाधन भत्ता के कोई भी ऑनलाइन कार्य नहीं किया जाएगा।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें मोबाइल इंटरनेट और स्टेशनरी जैसी सुविधाओं के लिए कोई भत्ता नहीं दिया जाता, जिससे उन्हें अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है।
प्रमुख मांगें
वेतनमान संशोधन और 4300 ग्रेड पे
मासिक स्थाई भत्ता एवं संसाधन भत्ता में वृद्धि
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पदनाम बदलकर कृषि विस्तार अधिकारी करना (मध्यप्रदेश की तर्ज पर)
गैर-विभागीय कार्यों से मुक्ति
समितियों में भंडारण और डीबीटी प्रणाली लागू करना
लंबित पदोन्नति (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से कृषि विकास अधिकारी)
23 सितंबर को रैली और धरना
संघ ने स्पष्ट किया कि अगर मांगें अनसुनी रहीं तो 23 सितंबर को जिला स्तर पर एक दिवसीय धरना और रैली निकाली जाएगी। इस दौरान नारेबाजी कर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
